BHOOMMIKA

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लेखनी प्रतियोगिता -27-May-2022-#प्रतियोगिता-फसल

फसल 

हरे -भरे खेत लहराऐ,
जीवन में खुशियाँ लाए।
हवा चले महकी-महकी,
भरे उमंग जीवन में चहकी।
यह खेत-खलिहान में जो बिखरे,
जीवन से है रिश्ते गहरे।
बादल में जो घटा छाई,
देख उमंग फसल लहराई।
वह बारिश की बूँदों से चमकी,
जैसे मोती के संग है खनकी।
हरी-भरी यह फसल बिखरे,
प्रकृतिक सुंदरता देख मन भरे।
वह देती है जीवन में  सुख पूर्ण,
वह है जीवन में परिपूर्ण ।
वह सौंदर्य और पोषण का आधार,
जीवन में है बस इसकी धार।
हँसता हुआ खेत  लहराये,
जीवन में खुशियों के साये।
-भूमिका शर्मा
✍BHOOMMIKA 

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9 Comments

Seema Priyadarshini sahay

29-May-2022 11:27 PM

बेहतरीन

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Joseph Davis

28-May-2022 07:37 PM

Nyc

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Shnaya

28-May-2022 03:03 PM

बेहतरीन

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